संयुक्त सचिव शिक्षा के. के. पाण्डे ने कहा कि भविष्यवाणियां चिंता का विषय होती हैं। भारतीय संस्कृति में कर्म को पिछले जन्म से जोड़ा गया है। कर्म अच्छे है तो कष्ट कम हो जाएगे जन्म पत्री नहीं कर्म पत्री देखें। भविष्यवाणिया आंशिक रूप से सत्य होती हैं वरन देखा जाए तो वह काल्प
निक होती है। date 15 May 2011, video by www.prativad
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